सांसदों का वेतन बहुत जल्द दोगुना हो सकता है। संसदीय मामलों के मंत्रालय ने यह प्रस्ताव रखा है। यह फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास है। यहां से मंजूरी के बाद आगामी बजट सत्र में इसे संसद में पेश किए जाने की संभावना है। प्रस्ताव के लागू होने के बाद दोनों सदनों के सांसदों का वेतन 50 हजार से बढ़कर एक लाख रुपए हो जाएगा। ऑफिस और संसदीय क्षेत्र का भत्ता 45 हजार से 90 हजार रुपए हो जाएगा।
इस तरह सांसदों को हर महीने 2.80 लाख रुपए मिलेंगे। पेंशन प्रस्ताव को भी 20 हजार से 35 हजार रुपए किया गया है। हालिया संसद सत्र में सांसदों के प्रदर्शन के बाद सरकार का मानना है कि उन्हें इतना वेतन तो मिलना ही चाहिए। सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर सांसद बेसिक सैलेरी बढ़ाए जाने के इच्छुक नहीं हैं। शेष|पेज 9
क्योंकि इससे वे आयकर के बड़े दायरे में आ जाएंगे। वे चाहते हैं कि उनका भत्ता जरूर बढ़े। उधर, वित्त मंत्रालय का कहना है कि वह इस मामले को सरकारी कर्मचारियों के वेतन आयोग से जोड़कर हर पहलू को परखना चाहता है। गौरतलब है कि इससेपहले 27 अगस्त 2010 में सांसदों की सैलरी बढ़ाकर 1.30 लाख की गई थी।
पीएम का वेतन कैबिनेट सचिव से डेढ़ गुना ज्यादा
प्रस्ताव के मुताबिक, प्रधानमंत्री का वेतन कैबिनेट सचिव की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा होगा। केंद्रीय मंत्रियों का वेतन कैबिनेट सचिव से 10,000 रुपए ज्यादा और सांसदों का वेतन केंद्र सरकार के सचिव से 1,000 रुपए ज्यादा होगा। इसके पहले 2010 में सांसदों की वेतनवृद्धि की गई थी।
और भी कई सुविधाएं
मिनिस्ट्री सांसदों की सैलरी बढ़ाने के संयुक्त समिति की सिफारिशों से तो सहमत है ही, इसके अलावा कार और फर्नीचर लोन भी बढ़ाया जाता है। अभी कार लोन के लिए 4 लाख दिए जाते हैं।
सांसदों की सैलरी का यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाता है तो उनकी सैलरी अपने सेक्रेटरीज से ज्यादा हो जाएगी। यह सिफारिश भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की समिति ने की हैं।
SOURCE - BHASKER
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