वेतन आयोग टलेगा तो क्या सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को अंतरिम राहत देगी, उठेंगे कई सवाल

सातवें वेतन आयोग की सैलरी जल्द लेने की आस लगाए बैठे कर्मचारियों को सरकार बडा झटका दे सकती है। सरकार सातवें वेतन आयोग की कुछ सिफारिशों को टाल सकती है।

इसके तहत कर्मचारियो को सिफारिशों के मुताबिक मिलने वाले भत्तों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में न देने के विकल्प पर काम शुरू किया गया है।

इसके लिए वित्त मंत्रालय की ओर से सचिव स्तर की समिति गठित की गई है, जो केंद्रीय कर्मचारी संगठनों से इस दिशा में बात करेगी । वहीं, कर्मचारी संगठन आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

गौरतलब है कि 19 नवंबर को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें सरकार को सौंपी गई थीें। सिफारिशों के मुताबिक कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का अनुपात 1:1.4 है।

यानी सिफारिशें लागू करने पर वेतन मद में 60,731 करोड़ और भत्तों के मद में 84,437 करोड़ खर्च करने पड़ेगें।

सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार इतने बड़े आर्थिक बोझ के लिए तैयार नहीं है। सचिव स्तर के कमेटी गठित की गई है, जो तमाम केंद्रीय कर्मचारी संगठनों से वेतन, "भत्ता मद पर पड़ने वाले असर पर चर्चा करेगी । इसके लिए रेलवे, रक्षा से जुड़ी यूनियनों को पत्र भी भेजे गए हैं।

ऐसी भी जानकारी है कि आम बजट में वित्तमंत्री सिफारिशों को टालने के संबध में घोषणा भी कर सकते हैं।अगर यह घोषणाएॅं टलती हैं तो क्या सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी में मिलने वाला डीए देगी। 

एक सवाल और भी उठेगा की क्या महंगाई भत्ता मूल वेतन में शामिल किया जायेगा यह सब प्रश्न केंद्रीय कर्मचारियों के मन में उठ रहे है । सरकार क्या इन का हल कर पायेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

उधर, इस संबध में आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिब गोपाल मिश्रा ने बताया कि यदि जरूरत पडी तो कर्मचारी हड़ताल पर जाने से पीछे नहीं हटेंगे। 


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